परंपरा की जगह कभी-कभी खूँटे ले लेते हैं
माधव हाड़ा से पीयूष पुष्पम् का संवाद पाठ। सं. देवांशु। जुलाई-सितंबर, 2024 प्रश्न: आपने शुरुआत तो आधुनिक कविता की आलोचन से की थी। अब आपने...
परंपरा की जगह कभी-कभी खूँटे ले लेते हैं
इतिहास बोध का संवर्धन करनेवाली विलक्षण कृति । प्रो कृष्ण मोहन श्रीमाली
कालजयी कवि और उनकी कविता । संवाद : माधव हाड़ा एवं पल्लव
Meera Vs Meera: A Critical Gaze at Multiple Images of Meera Bai | By GJV Prasad
Repositioning Meera | By Anup Singh Beniwal
Human Side of the Historical Character of Meera | By Atiqa Kelsy
Madhav Hada’s Meera Vs. Meera explores the real Meera | By Alaka Tyagi
मीरां की कविता के भाषायी वैविध्य का यथार्थ
कोई निंदौ, कोई बिंदौ
Meera Vs. Meera | Vani Digital: Book Launch & Discussion | 24 Feb. 2021